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30 Cards in this Set

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शकुनी ग्रह में दुग्ध

कटु, तिक्त

पूतना ग्रह में दुग्ध

मधुर, कटु

षष्ठी, स्कन्ध ग्रह में दुग्ध

सर्वदोष

शेष सभी ग्रह में दुग्ध

समसृष्ठ

चिकित्सा चतुष्पाद में श्रेष्ठ व मूल है?

श्रेष्ठ-आतुर


मूल- भिषक

ज्वर का उपद्रव ?

अतिसार

श्रेष्ठ वात की चिकित्सा ?

अनुवासन बस्ति

अर्श का उपद्रव ?

वाग्भट्ट- उदावर्त


चरक- बद्धगुदोदर


Description of fakka rog-


लक्षण

क्षीरज, गर्भज व्याधि


-पादभ्याम न गच्छति

कषरत से त्रिचक्र चला



कल्याणक घृत


षटफल घृत


राज तेल


त्रिचक्रवत रथ चलाना



मधु निषेध किस व्याधि में है

सान्निपातिक ज्वर में

प्रसव काल- विभिन्न मतो का वर्णन

9- काश्यप


9,10- चरक


9-12- भाव प्रकाश , सुश्रुत

वय विभाजन (काश्यप अनुसार)

बाल- up to 1 year


कुमार- up to 16 year


यौवन-up to 16-34


मध्य- 34-70


वृद्ध- above 70 years

वय विभजन (चरक अनुसार)

बामजी- 30,60,100

बाल-30 (अपरिपक्व- 1-16, परिक्व-16-30)


मध्यम-60


जीर्ण-100


जातमात्र शिशु की औषध मात्रा?

विडगं फल

बालक में दीपनीय चूर्ण की मात्रा

अंगुली के अग्र पर्व के बराबर

बालक में जीवनीय, संशमनीय चूर्ण की मात्र

दीपनीय का 2×

बालक में वमन, विरेचन चूर्ण की मात्र

दीपनीय का आधा

16 वर्ष की आयु में किस आयु के समान औषधि देगें

70 वर्ष

100 वर्ष की आयु में किस आयु के समान औषधि देगे

क्षीरान्नाद के बराबर

आहार प्रविचारणा की संख्या

12

स्नेह प्रविचारणा की संख्या ?

20

यूष के कितने भेद है?

25

पत्रयूष कौन से dosh को हरता है

वातहर

मूल का यूष किस rog को हरता है

सर्वरोग हर

वात दोष का स्थान - (चरक अनुसार)

पक्वाशय

पित्त दोष का स्थान - (चरक अनुसार)

अमाशय

अपना

कफ दोष का स्थान - (चरक अनुसार)

उर:

उर:-अमाशय-उर:-ह्दय

वात दोष का स्थान - (सुश्रुत अनुसार)

पक्वाशय + श्राेणीगुदा

पित्त दोष का स्थान - (सुश्रुत अनुसार)

पक्वाशय अमाशय के मध्य

अपना

कफ दोष का स्थान - (सुश्रुत अनुसार)

अमाशय